आपको याद दिला दें कि दुनियाभर के बाजारों की नजर कल BREXIT पर होने वाली वोटिंग पर है। वोटिंग के नतीजों का एलान शुक्रवार को होगा। बाजार में इस वजह से असमंजस बना हुआ है।
BREXIT होता है तो करेंसी पर इसका असर देखने को मिलेगा। जानकारों का कहना है कि BREXIT हुआ तो ब्रिटिश पाउंड में 10 फीसदी तक की गिरावट संभव है। डॉलर में मजबूती आ सकती है, ऐसे में मजबूत डॉलर से इमर्जिंग मार्केट करेंसी पर दबाव संभव है।
वहीं BREXIT का असर Commodity बाजार पर भी देखने को मिलेगा। ग्लोबल मार्केट में मांग घट सकती है और हेजिंग के लिए सोने में खरीदारी बढ़ सकती है। डॉलर इंडेक्स मजबूत होने पर ज्यादातर Commodity पर दबाव देखने को मिलेगा। साथ ही Crude Oil की मांग घट सकती है। ब्रेक्सिट होने पर ज्यादातर देशों के शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ेगा। इमर्जिंग मार्केट्स में विदेशी निवेश घट सकता है और यूरोजोन में कारोबार वाली कंपनियों को नुकसान होगा।
BREXIT होने पर सबसे ज्यादा असर टाटा ग्रुप की कंपनियों पर देखने को मिलेगा। जेएलआर की कुल बिक्री का 24 फीसदी यूरोप से आता है। टाटा मोटर्स को 147 करोड़ डॉलर के नुकसान की आशंका है। वहीं टाटा स्टील के कोरस प्लांट की करीब 12 फीसदी आय यूरोजोन से आती है। टीसीएस की 26 फीसदी आय यूरोजोन से आती है और सिर्फ ब्रिटेन का आय में 16 फीसदी का योगदान है। टाटा ग्लोबल की करीब 26 फीसदी आय यूरोजोन से आती है। टाटा केमिकल्स की करीब 10 फीसदी आय यूरोप से आती है।
भारत की कई और कंपनियां हैं जिनका यूरोप में बड़े पैमाने पर कारोबार है। मदरसन सुमी की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 65 फीसदी का है। बालकृष्ण इंडस्ट्रीज की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 50 फीसदी का है। एचसीएल टेक की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 31 फीसदी का है। एआईए इंजीनियरिंग की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 30 फीसदी का है। कमिंस की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 30 फीसदी का है।
भारत फोर्ज की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 30 फीसदी का है। अपोलो टायर्स की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 30 फीसदी का है। माइंडट्री की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 25 फीसदी का है। वैबको की कुल आय में यूरोजोन का हिस्सा 20 फीसदी का है।
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